चेन्नई के पोस्टबॉक्स में क्यों मिल रहें हैं पर्स ?
डाक विभाग देश का एक ज़रूरी अंग है जो देश के हर कोने से डाक और जरूरी सामान को उनकी मंज़िल तक भेजने का महत्वपूर्ण कार्य करता है लेकिन अगर पोस्टबॉक्स में डाक की जगह पर्स मिलें तो?
ऐसा ही किस्सा चेन्नई में सामने आया है जहां पॉकेटमार पर्स चुराने और पैसे निकालने के बाद उसको किसी पोस्टबॉक्स में डाल जाते हैं। पोस्ट ऑफिस के एक अधिकारी के अनुसार पिछले 6 महीने में ऐसे 70 केस नज़र में आये हैं।
पर्स में कुछ ज़रूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड होते हैं और इनको इनके मालिक तक पहुचाना डाक विभाग की ज़िम्मेदारी बन जाती है। डाक अधिकारी के अनुसार मोबाइल नंबर उपलब्ध होने पर मालिक से संपर्क किया जाता है नही तो पता ढूंढ कर दस्तावेज उस पर भेज दिए जाते हैं। हालांकि इसका खर्च डाक विभाग को ही उठाना पड़ता है, लेकिन वो अपनी नैतिक जिम्मेदारी को समझते हुए ये काम करते हैं।
इसके इलावा गुम हुए पहचान पत्र भी लोग पोस्टबॉक्स में डाल देते हैं तांकि ये उनके असल मालिक तक पहुंच सकें।
ऐसा ही किस्सा चेन्नई में सामने आया है जहां पॉकेटमार पर्स चुराने और पैसे निकालने के बाद उसको किसी पोस्टबॉक्स में डाल जाते हैं। पोस्ट ऑफिस के एक अधिकारी के अनुसार पिछले 6 महीने में ऐसे 70 केस नज़र में आये हैं।
पर्स में कुछ ज़रूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड होते हैं और इनको इनके मालिक तक पहुचाना डाक विभाग की ज़िम्मेदारी बन जाती है। डाक अधिकारी के अनुसार मोबाइल नंबर उपलब्ध होने पर मालिक से संपर्क किया जाता है नही तो पता ढूंढ कर दस्तावेज उस पर भेज दिए जाते हैं। हालांकि इसका खर्च डाक विभाग को ही उठाना पड़ता है, लेकिन वो अपनी नैतिक जिम्मेदारी को समझते हुए ये काम करते हैं।
इसके इलावा गुम हुए पहचान पत्र भी लोग पोस्टबॉक्स में डाल देते हैं तांकि ये उनके असल मालिक तक पहुंच सकें।
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